Saturday, 30 June 2018

बृहस्पति वार को सर के बाल न कटवाने की हिदायत दी जाती है। बृहस्पतिवार धर्म का दिन होता है। हमारे ब्रह्मांड में स्थित नौ ग्रहों में से गुरु वजन में सबसे भारी ग्रह है। जिन लोगो को ये लगता है कि क्यों गुरु कुंडली के ज्यादातर भावो का कारक है वो जरा आकाशगंगा (एस्ट्रोनॉमी) समझे बृहस्पति ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथिवी से कई गुणा ज्यादा है उधर आकाशगंगा यानि अंतरिक्ष में कोई भी उल्का टूट कर पृथिवी की ओर बढ़ती है तो गुरु ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति और इसके आकार के कारण उस उल्का को धरती पर पहुँचने के पहले ही ये अपनी तरफ खींच लेता है -अब समझ ले कि अगर ऐसा न हो तो धरती कुछ मिनटों या एक दिन में खत्म हो जायेगी। यही कारण है कि बृहस्पति को जीव-कारक और जीवनदाई ग्रह कहा जाता है और पत्रिका का शुभ ग्रह कहलाता है। धन-का कारक संतान का कारक ,धर्म का कारक ,कर्म का कारक ,लाभ भाव का कारक यही ग्रह है और कुंडली में जयादातर भावो का कारक है ,संतान का कारक इसलिए क्योंकि बृहस्पति ''वृद्धि'' का कारक है और संतान होना परिवार में वृद्धि का संकेत है -लाभ भी वृद्धि का कारक होता है। इसीलिए बृहस्पति वार को बाल न काटने की हिदायत दी जाती है और यही कारण है कि इस दिन हर वो काम जिससे कि शरीर या घर में हल्कापन आता हो। ऐसे कामों को करने से मना किया जाता है क्योंकि ऐसा करने से गुरु ग्रह हल्का होता है। यानि कि गुरु के प्रभाव में आने वाले कारक तत्वों का प्रभाव हल्का हो जाता है। गुरु धर्म व शिक्षा का कारक ग्रह है। गुरु ग्रह को कमजोर करने से शिक्षा में असफलता मिलती है। साथ ही धार्मिक कार्यों में झुकाव कम होता चला जाता है।किसी भी जन्मकुंडली में दूसरा धन वृद्धि और ग्यारहवां भाव लाभ के स्थान होते हैं। गुरु ग्रह इन दोनों ही स्थानों का कारक ग्रह होता है। गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है। धन लाभ की जो भी स्थितियां बन रही हों,उन सभी में रुकावट आने लगती है, सिर धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जा सकती हो, ये सभी काम गुरुवार को करना धन हानि का संकेत हैं। गुरु का खराब होना संतान को भी बुरे फल देता है।

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