Sunday, 17 June 2018

वैसे तो समझाना बेकार है इंसान की खुद की समझदानी में जो घुस जाता है वो उसे ही श्रेष्ठ समझ लेता है -फिर भी बोलना पड़ता है क्या करें -खत्म आप अकेले नहीं होंगे न आपके साथ हम भी हो जाएँगे - आप जब ''सनातन'' की जय बोलते हो तो उसे ''सनातन हिन्दू धर्म की जय'' बोलिए - क्योंकि सनातन का शाब्दिक अर्थ हैं जो ''सतत'' चला आ रहा हो - ऐसे तो फिर सभी धर्म सनातन ही है क्योंकि सभी सतत चले आ रहे हैं - आपको फँसा रहे हैं हिन्दू विरोधी और आप फँस जाते हैं -आप जरा गौर तो कीजिये -जो भी सनातन सनातन कर रहे हैं वो सब बीजेपी, आरएसएस और मोदी विरोधी हैं - और ये लोग सनातन को श्रेष्ठ और हिन्दू शब्द को ही मानने से इंकार कर रहे है। --आपलोगो ने शायद गौर नहीं किया कि आज तक किसी शंकराचार्य को ''आतंकवादियों'' द्वारा धमकी नहीं मिली --क्यों? क्योंकि वो हिंदुत्व समर्थक है ही नहीं आतंकवादी जानते है कि ये सनातनी बाबा और गुरु लोग हिंदुत्व की आंधी को रोकने में पूरी मदद कर रहे हैं -और जब युद्ध की बात हो न ज्ञान पेराई घर पर रख कर आनी चाहिए - हिन्दू लड़ने का ढोंग करेगा -हुँकार भी भरेगा फिर लगेगा अध्यात्म की माला जपने लोगो की नजरो में खुद को अच्छा दिखाने के लिए - जब सामने वाला गालियाँ दे रहा हो सामने वाला हथियार उठा रहा हो तो आप ''ओम नमः शिवाय'' बोलकर उससे नहीं जीत पाएँगे - आपको भी क्रोधित होने के लिए उसी का तरीका इस्तेमाल करना होगा --- आप लोगो ने ''मार्शल आर्ट'' सीखने वालो को देखा होगा जब लड़ते है तो जोर ये ''किया'' शब्द का उच्चारण करते हैं -ब्रुसली जब लड़ता था तो बहुत जोर से बिल्ली जैसा शब्द निकलता था - ''मार्टिना हिंगिस'' टेनिस खेलते वक्त इतना जोर से चीखती थी कि सामने वाला उसकी चीख से अपना ''ध्यान'' खो देता था इसकी शिकायत भी हुई थी। -न मुर्ख बनो न दूसरों को बनाओ १ हद्द तक हकीकत को समझ कर चलो - अध्यात्म उस वक्त पेर लेना जब कहीं एकान्त में या शांति से पूजा में बैठना।

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