Thursday, 22 November 2018

जीवन क्या है - हम जिसे जी रहे हैं उसे हम अमूमन जीवन समझते हैं, पर जीवन के भी अलग-अलग मायने हैं। बीमार को सही दवा मिल जाये तो लगता है उसे जीवन मिल गया। भूखे को भोजन मिल जाए तो लगता है जीवन मिल गया। भिखारी को सूखी रोटी भी मिल जाए तो उसे लगता है जीवन मिल गया। अकेले सुनसान रास्ते में कोई संगी या वाहन मिल जाये तो लगता है जीवन मिल गया। भाई एकदम सादे भोजन के साथ एक हरी मिर्ची मिल जाए तो भी लगता है जीवन मिल गया। तो इस तरह जीवन के भी कई रूप हैं -या कहे कभी-कभी इसे हम नवजीवन कहते हैं।

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