गण्डमूल नक्षत्र क्या हैं?
Vedic & KP Astrologer Sidhant Sehgal
Thursday, 9 November 2023
यदि हम राशियों के वितरण पर ध्यान दें तो स्पष्ट होगा कि प्रत्येक तृतीयांश अग्नि तत्व राशि से प्रारंभ तथा जल तत्व प्रधान राशि पर समाप्त होता है। ० अंश ,१२० अंश तथा २४० अंश को इसी आधार पर जन्म-कुंडली में भी त्रिकोणों की संज्ञा दी जाती है। ये बिंदु क्रमशः लग्न, पंचम तथा नवम भावो के प्रारम्भ माने जाते हैं।
Tuesday, 17 October 2023
Vedic & KP Astrologer Sidhant Sehgal: कुछ भी बिना पढ़े या अध्ययन किये बगैर नहीं आ सकता ...
IN SHORT---
कुछ शब्दों में सभी राशियों का चारित्रिक वैशिष्ट लिपिबद्ध करने की कोशिश कर रहा हूँ
मेष राशी---इस राशि के जातक हर चीज़ में अग्रगण्य होना चाहते है ,दुसरो का परामर्श ग्रहण नहीं करते जल्दी ,अगर करते भी हैं तो बहुत मजबूरी में। दुसरो के अधीन काम करना पसंद नहीं करते।
मिथुन राशि---द्वैत राशि होने की वजह से ये अक्सर द्विधाग्रस्त रहते हैं ,किसी भी परिस्थिति के साथ सामंजस्य बैठा लेते है ,दुसरो को उपदेश देना ,वाद-विवाद करना ,किसी चीज़ की व्याख्या करना अच्छे से कर लेते हैं पर नेतृत्व गुण इनमे कम होता है। जल्दबाज़ होते है।
कर्क राशि---कल्पना शक्ति प्रबल होती है इनकी। स्वाभाव में जमना गए जमना दास व् गंगा गए तो गंगा दास। इमोशनल होते हैं और कभी कभी जरुरत से ज्यादा संवेदनशील।
सिंह राशि---सूर्य ग्रहो का राजा है ये जातक सृजन व् धवंश दोनों करते हैं ,दुसरो की स्वार्थ रक्षा बखूबी करते हैं जयादा बात नहीं करते पर आदेश देने में निर्णय लेने में देर नहीं लगाते। अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से उनकी प्रशंसा करके काम निकालना बखूबी जानते है इनका दिल बड़ा और सहन-शक्ति असीम होती है।
कन्या राशि---चंचल व् परिवर्तनशील प्रकृति। पर कैसी भी प्रतिकूल परिस्थिति को अपने वश में कर लेते है। समय की कीमत को बखूबी पहचानते हैं। वास्तववादी होते है।
तुला राशि---न्यायप्रिय होते है। सामंजस्य बैठा कर चलना जानते है। न्याय करने की कोशिश करते हैं फैसला किसी के हक़ में करना या पक्षपात इनसे नहीं होता।
वृश्चिक राशि---ये जातक बहुत ढृढ़-प्रतिज्ञ होते हैं। अपना लक्ष्य स्थिर करते है और उसे पूरा करने को कूद पड़ते है। लक्ष्य तक पहुंचे बिना ये चैन से नहीं बैठते। किसी भी समस्या के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करते।
धनु राशि---साहसी,उद्यमशील ,लोभी व् उन्नति चाहने वाले होते है। हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। बाधा-विघ्न दौरान इनका आत्मविश्वास निकल कर आता है। कोई भी काम सोच समझकर करते है।
मकर राशि---जातक वास्तववादी होता है। किसी भी काम को काफी धीरज के साथ करता है। जब तक इनका काम पूरा न हो अपने काम के सफल होने के पीछे शसंकित रहते है।
कुम्भ राशि---जातक बुद्धिमान होते है ,इनकी झूठी प्रसंशा करके कोई अपना काम इनसे नहीं निकलवा सकता। दुसरो का मतलब की बात बहुत जल्दी ताड़ जाते है। किसी भी नयी धारणा को वो जल्दी आत्मसात नहीं करते थोड़ा पुरातनपंथी होते हैं।
मीन राशि---दार्शनिक मनोभाव ,अस्थिर मन ,स्वप्न दर्शी व् कल्पना जगत में विचरण करना पसंद करते हैं। विनीत,भद्र व् कभी-कभी अतिशय दयालु भी होते है इसलिए असफल भी हो जाते है।
Wednesday, 30 October 2019
कुछ भी बिना पढ़े या अध्ययन किये बगैर नहीं आ सकता -और सब कुछ भी सिर्फ अध्ययन करने से नहीं आ सकता। ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य सिर्फ फलादेश नहीं है फिर भी फलादेश ही आखिरी पैमाना भी है। पर फलादेश किस हद्द तक दिया जा सकता है ये चर्चा का भी विषय है सोच और अपनी समझ का भी विषय है। - इंसान की इच्छा का कोई अंत नहीं है और ये भी सच है कि ज्योतिष के पास लोग सलाह के लिए कम और इच्छा पूर्ती बाबा के हिसाब से ज्यादा जाते हैं। हकीकत यही है हर इच्छा की पूर्ती संभव नहीं या समय सीमा लम्बी भी हो सकती है पर हथेली पर सरसो उगवाने को तैयार फौज की कमी नहीं और २४ घंटे में समाधान का दावा करने वाली फौज की भी कमी नहीं -जिसका परिणाम आपने जलेबी कब से नहीं खाई या बर्फी खाओ सब ठीक हो जाएगा ''बाबा'' का उदय भी इसी सोच और चाह की पैदाइश है। - मैने किताबो का अध्ययन करने के बावजूद बहुत करीब से लोगो की जिंदगी का अध्ययन भी किया है और वो मेरा रोज का शौक भी है - प्रधानमंत्री हर व्यक्ति नहीं बन सकता -पर किसी भी बड़े नेता का ये बयान फिर भी झूठा ही होता है कि उसके मन में प्रधानमंत्री बनने का लालच नहीं है -जबकि ये लालच तो ''सिद्धांत सहगल'' भी अपने मन में पालता है। पर चाहने से क्या होता है। अब प्रश्न यहाँ ये है कि इंसान की मुलभुत जरूरते वो तो पूरी होनी चाहिए --- पर मुलभुत जरुरतो का कौन सा अंत है एक बड़ा मकान -गाडी -बैंक बैलेंस - जबकि सच ये हैं कि ''बैंक का खाता'' तक नहीं नसीब लाखो लोगो के अभी भी तो बैंक बैलेंस तो भूल जाए। कई जिंदगिया मैने देखी गरीबी में ही जीवन गुजर गया -पत्नी छोड़कर चली गई -बच्चे भोजन तक नहीं पूछते। एक ही जवान बेटा गुजर गया -जीवन में कुछ नहीं बचा -कोइ सांत्वना का शब्द काफी नहीं उस माता के लिए उस पिता के लिए -करोडो है पर संतान नहीं- करोड़ो है पर संतान का एक्सीडेंट हो गया -अब माता-पिता अकेले हैं -चाय की दूकान से ही परिवार पाल लिया सुनी आँखों से बुढ़ापा गुजर रहा है -बच्चे भोजन भी सही तरीके से नहीं देते पडोसी खाना खिला देते हैं। अब ऐसे कई जातक है जो आते ही पूछते हैं - २३-२४-२५ साल की उम्र में पूछते है बता दीजिये डेस्टिनी में क्या है --- क्या बता दे? सबकी डेस्टिनी में राजयोग नहीं लिखा -कुछ कुण्डलियाँ काफी सपष्ट होती है कि बहुत सफलता के योग नहीं - '' पर आशा ही जीवन है'' इसलिए भविष्य का पर्दा बहुत जयादा न सरकाया जाय तो अच्छा है -वैसे कर्मो की तीब्रता भाग्य में उलट फेर कर देती है इसलिए ज्योतिष का कथन सत्य होने की कोई गारंटी नहीं -पर हाँ ये तो है कि कुंडली की गहराई क्या है समझा जा सकता है पर हमेशा बताना या मेरे विचार से एकदम सत्य बताना उचित नहीं। एक जातक को कोई ज्योतिष बता दे कि तेरी बीवी और बच्चा तेरा परिवार सिर्फ तेरे धन से प्यार करता है जोकि कुछ हद्द तक कड़वा सच है -पर ज्योतिष के मुह से सुनने के बाद उसके मन में अपने परिवार के प्रति घृणा भी जन्म ले सकती है जो कि उचित नहीं -वो व्यक्ति परिवार छोड़कर चल दे उसकी बीवी सड़क पर आ जाए उसके बच्चे भीख मांगे ये भी तो उचित नहीं।
Saturday, 20 April 2019
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