Tuesday, 16 February 2016

Learn astrology in simple way first---
क्या २८ साल की उम्र के बाद मंगल का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है ? बहुत यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर बड़े धैर्य से समझने की जरुरत न कि हमने फीस दी है आप हमारे दिमाग में ठुसिये ज्ञान को---
जिस तरह चार युग है और हम किस युग रहते है यानि काल का निर्णय होता है - इसी तरह ग्रहों की भी अपनी एक उम्र है और इसका तालमेल एक परिपक्व ज्योतिष ही बैठा सकता है , नहीं तो बातें गड्ड-मड्ड हो जाती है। हर ग्रह की परिपक्व होने की एक उम्र होती है उस निश्चित समय के बाद वो अपना बुरा प्रभाव कुछ हद्द तक कम कर देता है यानि उग्रता कम हो जाती है।
जैसे---
बृहस्पति १५ से २० की उम्र को अपने दखल में लेता है , यही वक्त है जब शिक्षा ग्रहण का महत्वपूर्ण समय होता है। { यहाँ ये तर्क कि शिक्षा ग्रहण की कोई उम्र नहीं होती बेमानी है } आप समझिए इस तथ्य को कि शिक्षा का यही समय महत्वपूर्ण होता है। बाकी ज्यादा उम्र में सभी नहीं पढ़ते कोई कोई जिसकी ग्रह दशा इजाजत देती है वही बुढ़ापे में पढाई करते हैं।
सूर्य का समय २२ साल की उम्र का।
चन्द्रमा का समय है २४ साल का वक्फा यानि ये peak टाइम कहलाता है।
शुक्र का समय २५ से २७ peak २५ ..
मंगल का समय २८ से ३१ peak समय २८. का कहलाता है।
बुध का समय ३१ से ३५ peak समय ३२
शनि ३६ से ३९ peak समय ३६
राहु ४२ से ४७ peak समय ४२ का
केतु का परिपक्व होने का समय ४८ से ५४ peak ४८ का
यानि यहाँ ग्रहो की जो उम्र लिखी हुई है उस उम्र के बाद ग्रह अपनी उग्रता खोता है अपने बुरे फल को देने में कमी आ जाती है। अब यहाँ इस तथ्य को ध्यान दे कि जिस ग्रह की जो उम्र यहाँ दी हुई है उसी दौरान विंशोत्तरी महादशा के के अनुसार उसी ग्रह की दशा-अन्तर्दशा आ जाए तो ग्रहो का अच्छा बुरा फल दोनों तीब्रता से मिलता है।
अब लौटे मंगल की तरफ , जैसा की विश्लेषण में कई बार मैने बताया एक ख़ास उम्र के बाद ग्रह परिपक्व होते हैं , यानि एक इंसान जब ४० की उम्र के बाद परिपक्व होता है तो बच्चो जैसी गलतियाँ नहीं करता , इसी तरह एक ख़ास उम्र के बाद ग्रह भी समझदार होते हैं , अब इसे जरा दूसरे तरीके से देखे कि एक बीस साल का लड़का जितना उग्र होगा तीस साल वाला उतना उग्र नहीं हो सकता और मंगल उग्रता का ही मुख्य ग्रह है , इसलिए जिनकी कुण्डली में मांगलिक दोष का सचमुच प्रभाव है वो अट्ठाईश साल की उम्र के बाद विवाह करे तो मंगल का बुरा फल उनको कुछ कम मिलता है , इसे यूँ समझे कि चौबीस साल की उम्र का लड़का अगर मार कर सर फोड़ देगा तो -तीस साल वाला मारने को उठेगा मगर गालियाँ देकर ही शांत हो जाएगा , हाँ यहाँ एक बात है -मंगल के बुरे प्रभाव की वजह से शारीरिक हिंसा में ही कमी आएगी -अगर मंगल सचमुच बुरा फल देने वाला है तो - गालीगलौज और झगड़ा होता रहेगा सिर्फ शारीरिक हिंसा में कमी आएगी - अब कुंडली का गुरु अच्छा है तो और कमी आएगी -शनि मजबूत है तो झगड़ा होगा। मंगल का अट्ठाइस के बाद मूल रूप से हिंसक होना कम हो जाता है जातक का।